गोविवि के दर्शन शास्त्र विभाग में शोध कर रहे एक दलित छात्र ने गुरुवार को अपने दो शिक्षकों पर जाति संबंधी शब्द इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। छात्र दीपक कुमार ने आरोप लगाया था कि दोनों शिक्षक उसे तीन महीने से प्रताड़ित कर रहे थे। कुलपति से जब शिकायत की तो भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे कुछ लोग उसे जान से मारने की धमकी देने लगे। परेशान छात्र ने गुरुवार को जहरीला पदार्थ खाकर अपना जीवन समाप्त करने की कोशिश की। दलित छात्र के उत्पीड़न की खबर के संबंध में जब शाम को पत्रिका ने विवि के जिम्मेदारों से पक्ष जानने की कोशिश की तो कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं था। कुलपति प्रो.वीके सिंह ने तो मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञता जता दी थी।
पत्रिका ने मामले को प्रमुखता से उठाया। मामला तूल पकड़ते ही विवि के जिम्मेदार आनन फानन में अपना बयान जारी करने और जांच की बात करने लगे।
आखिर विवि ने माना शिकायती पत्र उसके पास पहुंचा था विवि पीआरओ प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा ने कुलपति की ओर से शाम को बयान जारी करते हुए बताया कि यह घटना दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्र के शिकायती पत्र पर कुलपति द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सम्बंधित व्यक्तियों से लिखित आख्या मांगी गयी थी। इस बीच विवि में अपरिहार्य कारणों से अवकाश रहा और ये पक्ष विवि खुलने पर ही प्राप्त हुए। नियंता द्वारा भी उसके प्रार्थनापत्र को पुलिस को अग्रसारित कर दिया गया था।
जांच कमेटी गठित की गई, विभागाध्यक्ष तबतक पद पर नहीं रहेंगे प्रो.सिन्हा ने बताया कि कुलपति ने इस प्रकरण पर एक जांच समिति गठित कर दी है। प्रतिकुलपति प्रो. एस के दीक्षित के संयोजकत्व वाली इस समिति में प्रो. चंद्रशेखर तथा प्रो. प्रदीप कुमार यादव सदस्य नामित किये गए है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने तक प्रो द्वारिकानाथ को विभागाध्यक्ष पद के दायित्व से विरत किया गया है।